पाकुड़ । झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के विवादित बयान को झारखंड प्रदेश साधुसंत समाज के संगठन मंत्री स्वामी दिव्यज्ञान जी महाराज ने ओछी एवं निंदनीय बताते हुए उनसे अविलंब माफी की मांग की है।गुरुवार को पत्रकार वार्ता में स्वामी दिव्यज्ञान जी ने गेरुआ/भगवा वस्त्र को त्याग का प्रतीक बताया और कहा कि यह हिंदुओं की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है।
उनके इस बयान से सम्पूर्ण हिन्दू समाज की आस्था को ठेस पहुंची हैं। कांग्रेस की गोद में बैठे सोरेन ने समुदाय विशेष को खुश कर वोट बटोरने की नीयत से बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है, जो निंदनीय है।उन्होंने सोरेन के बयान के वक्त मंच पर मौजूद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की चुप्पी पर कहा कि कल तक भगवा आतंकवादी शब्द गढ़ने वाली कांग्रेस से भी झामुमो एक सीढ़ी और भी नीचे गिरकर उसे बलात्कारी कह दिया।
बावजूद इसके उन्होंने सोरेन के बयान का खंडन न करके यह साबित कर दिया है कि ये दोनों पार्टियां हिंदुओं को नीचा दिखाने पर आमादा हैं। जिसे साधु संत समाज न सिर्फ चुनाव के दौरान बल्कि आने वाले दिनों में भी उनके खिलाफ लगातार जनजागरण करता रहेगा।साफाहोड़ समाज के गुरु बाबा सांझला मुर्मू ने कहा कि सोरेन का बयान हम जनजातीय समाज के लोगों एवं संस्कृति के खिलाफ है। उनके बयान से सम्पूर्ण होड़ समाज भी शर्मिंदा है। उन्होंने कहा कि अगर सोरेन और कांग्रेस में हिम्मत है तो दूसरे धर्मों की आस्था को चोट पहुंचाकर दिखाए। हम बहुसंख्यक ही नहीं सहिष्णु भी हैं और ऐसे सहिष्णु समाज की भावनाओं और उसके आदर्शों को लांछित करने वाले नेताओं एवं दलों को हम सबक सिखाकर ही रहेंगे।
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